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सड़क यातायात में आपकी विरासत आपकी भावी पीढ़ी के लिए क्या मिलने वाली है यह जानने के लिए, जांच काने के लिए नीचे दिए गए ऑनलाइन फार्म में सवालों के उत्तर हाँ या ना में दीजिये
1. क्या आपका यह मानना है सडकों पर आकस्मिक आत्महत्याओं का मुख्य कारण लोगों की अपनी अपनी करनी और अपर्याप्त सुविधाएँ हैं?
2. क्या आपका मानना है के आप बहुत अनुभवी सड़क उपभोक्ता हैं और सडकों पर गलती नहीं करते हैं?
3. क्या आप सहमत हैं के सड़क यातायात के समय हमारे चेहरे की आँखें तो सड़कों पर रहती हैं मन की आँख सड़कों पर कम ही होती हैं जिसके कारण आकस्मिक आत्महत्या का वायरस कभी भी हमला कर सकता है और हम भी इसके शिकार होने से अछूते नहीं है?
4. क्या आपका मानना है के हम बुद्धिमत्ता अर्जित करते रहते हैं और इसी बुद्धिमत्ता पर अमल करने को टालते रहते हैं और हम सडकों पर भी सही का चयन करने की जगह अल्पकालीन सुख और आसान सुविधा का ही चयन करते हैं आसान सी इच्छा आसान सुविधा का चयन करने से तत्कालीन आनंद तो मिलता है पर वही पूरी हो गयी इच्छा एक बड़ी समस्या बन कर आकस्मिक आत्महत्या के रूप में सामने आकर खड़ी हो जाती है ?
5. क्या आप जानते हैं के हम दिन भर अपने मन की गुलामी ही करते रहते हैं और सडकों पर भी मन की ही गुलामी करते रहते हैं लेकिन सड़कों पर मन की गुलामी करना आकस्मिक आत्महत्या को बुलावा देना होता है?
6. क्या आप सहमत हैं अगर कोई हमे हमारी हर छोटी बड़ी आदत या मानसिकता को बदलने के लिए कह दे तो हम बदलाव के लिए अस्थिर होने की सोच से ही विरोध करने लगते हैं क्योंकि हम अपनी बनाई हुई स्थिरता को मानसिकता को और आदत को ही सही मान रहे होते हैं जबकि जिंदगी में सब कुछ अस्थिर है काल के अधीन है और नष्ट हो जायेगा बदल जायेगा और हम ठोकर खा कर ही बदलाव स्वीकार करते हैं?
7. क्या आप या आपके प्रियजन सड़क यातायात की शुरुयात करने में देरी हो जाने के कारण और गंतव्य पर समय से पहुँचने के लिए वाहन को तेज़ गति से चलाते हैं?
8. क्या आप सहमत हैं के हम बदलते समय के साथ कुछ नया या ज्यादा करने की कोशिश भी करते हैं और सड़कों पर आराम की जगह सतर्कता का चयन करते हैं?
9. क्या आप सहमत हैं के वाहन विज्ञान का ही वरदान है और इस से होने वाले फायदों पर ही ध्यान देते हैं परन्तु उसके दोषों को नज़रंदाज़ करते हैं और हम वाहन चलाना तो सीख लेते हैं परन्तु सडकों पर रोजाना विभिन्न और नयी नयी परिस्थियों को कैसे संभालना है और आकस्मिक आत्महत्याओं से खुद को कैसे बचाना है यह कहीं से नहीं सीखते?
10. क्या आप सहमत हैं हम अपनी खामियों को जग जाहिर करने से छुपाते हैं और इनमें सुधार करने को भी टालते रहते हैं और रोजाना बढ़ती हुई आकस्मिक आत्महत्याओं को कम करने के लिए निजी तौर पर अपनी क्षमता के अनुसार कुछ करने की कोशिश को भी टालते रहते हैं?
11. क्या आप सहमत हैं के हम सडकों पर आत्म अनुशाशन का पालन करने से गुरेज़ ही करते रहते है और सड़क सुरक्षा नियमों का उलंघन करने से परहेज नहीं करते ?
12. क्या आप सहमत हैं हम आज जो कुछ भी हैं वह बार-बार किए गए कार्यों के कारण बने हैं जिनसे हमारी आदतें बनी हैं और हम उन आदतों को दोहराते रहते हैं और बदलते समय के साथ उन्हें अपडेट करना पसंद नहीं करते हैं स्मार्टफोन को भी नियमित अपडेट की आवश्यकता होती है और अगर न करें तो स्मार्टफोन हैंग हो जाएगा और ठीक उसी तरह हमारा वर्तमान हमारा भाग्य और हमारी विरासत भी हैंग हो जाएगी.?
13. क्या आप सहमत हैं के हम सडकों पर सह सड़क उपभोक्ता के साथ आपस में शान्ति और सद्भावना का माहौल बनाए रखने के लिए किसी की गलती देख कर उसको गुस्सा करने से परहेज करते हैं?
14. क्या आप सहमत हैं हम अपने परिचित को बिना यह सुनिश्चित किये कि वह वह यातायात में है या वाहन चलाने में व्यस्त है और फ़ोन करते हैं?
15. क्या आप सहमत हैं के हम सड़क यातायात के लिए सड़क यातायात संकेतक बोर्ड को अच्छे से याद रखते है और सडकों की लेन रेखांकन की अच्छे से जानकारी रखते है और सडकों पर हॉर्न बजाने से परहेज करने की कोशिश करते हैं?
16. क्या आप सहमत हैं के सलाह की जब सबसे ज्यादा जरूरत होती है तब इस पर ध्यान नहीं दिया जाता और चोट लगने के बाद सलाह को मान लेना और मृत्यु होने के बाद दवा देना एक ही बराबर है?
17. क्या आप जानते हैं कि विज्ञान ने यह सिद्ध कर दिया है कि जिस प्रकार हम आंगन के बगीचे में कोई भी बीज बो सकते हैं और फल प्राप्त कर सकते हैं उसी प्रकार हम अपने मन के बगीचे में सकारात्मक मनोविज्ञान के शब्द बीज बो सकते हैं और फल प्राप्त कर सकते हैं?
18. क्या आप सहमत हैं आँगन की बगिया में बीज बोने से पहले यह जान लेना अत्यंत आवश्यक है के इसमें फल उगेंगे या कांटे? और अनजाने में हम प्रतिदिन सडकों पर यात्रा करते करते अपने मन की बगिया में ऐसे ऐसे बीज बोते रहते हैं जिनका फल आकस्मिक आत्महत्या है?
19. क्या आप सहमत हैं हमारा शरीर हमारे दिमाग से चलता है हमारा दिमाग हमारे मन से चलता है और हमारा मन हमारी बुद्धि से चलता है यदि बुद्धि प्राप्त करने के बाद हम उसका उपयोग करके अमली जामा नहीं पहनाते हैं तो क्या यह समझदारी की बात है क्योंकि सड़कों पर वर्तमान कार्य और व्यवहार हमारी किस्मत बनाते हैं और हमारी भावी पीढ़ी के लिए हमारी विरासत बनाते हैं ?
20. क्या आप सहमत हैं जिस प्रकार पत्तों पर पानी डालने से पौधा फलीभूत नहीं होता इसके लिए पानी को पौधे की जड़ों तक पहुंचाना होगा। ज्ञान को ऊपरी बुद्धि पर रखने से वह फलीभूत नहीं होता उसके लिए ज्ञान को आंतरिक बुद्धि तक ले जाना पड़ता है?
21. क्या आपका यह मानना है देश की महानता देशवासियों के अच्छे अच्छे कारनामो से है और अगर देशवासियों के कारनामों से रोज रोज 500 से अधिक देशवासी आकस्मिक आत्महत्या का शिकार हो रहे हैं तो इस से देश की महानता को ठेस पहुँच रही?
22 भारत में हर रोज हम लोगों की ही 82 प्रतिशत गलतियों के कारण सड़कों पर रोजाना होने वाली आकस्मिक आत्महत्याओं की संख्या बढ़ती ही जा रही है इसका यही मतलब है हम 82 प्रतिशत आकस्मिक आत्महत्या होने का खतरा उठा कर रोज घर वापस आ रहे हैं और हम में से 500 से अधिक लोग हर रोज आकस्मिक आत्महत्या का शिकार हो रहे और उनके शव उनके घर बापस आ रहे हैं?
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